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कब और क्यों ज़रूरी है फिजियोथेरेपी? जानिए इससे जुड़ी खास बातें!

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  प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विधा फिजियोथेरेपी कहलाती है. इसे हिंदी में भौतिक चिकित्सा पद्धति कहा जाता है. अधिकांश लोग फिजियोथेरेपी को ‘एक और’ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादा महत्व नहीं देते। कुछ इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं, तो कुछ इसे खेल के दौरान लगने वाली चोट को ठीक करने के लिए उपयोगी मानते हैं। पर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। क्यों और कब जरूरी है फिजियोथेरेपी बता रही हैं वंदना भारती- अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के बारे में सोचना चाहिए। चिकित्सा और सेहत दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह तकनीक उपयोगी है। पर जानकारी की कमी व खर्च बचाने की चाह में लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है। फिजियोथेरेपी में न्यूरोलॉजी, हड्डी, हृदय, बच्चों व वृद्धों की समस्याओं के क्षेत्र से जुड़े खास एक्सपर्ट भी होते हैं। आमतौर पर Physiotherapist इलाज शुरू करने से पहले बीमारी का पूरा इतिहा

कब्ज क्या है?

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  कब्ज (Constipation) एक ऐसी समस्या है जिसके कारण मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं । इस कारण रोगी को कई बार शौच के लिए जाना पड़ता है। पेट साफ ना होने के कारण पूरे दिन आलस्य बना रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज की परेशानी के कारण मल त्यागने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, घण्टों बैठे रहना पड़ता है।इस समस्या से ठीक होने के लिए डॉ रूचि भरद्वाज से मिल कर इस परेशानी से मुक्ति पा सकते है ! ACTIVE आयु लाइफ पे आ कर अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते है तो बीमारी को बढ़ाये न जल्दी संपर्क करे!   कब्ज क्या है? आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का संतुलन वात, पित्त, कफ दोषों पर निर्भर करता है। इनमें हुए असंतुलन के कारण शरीर रोगों से घिर जाता है। खान-पान एवं जीवनशैली में लापरवाही के कारण जब जठराग्नि मन्द हो जाती है, तथा आहार सही समय पर ठीक प्रकार से नहीं पचता। इससे शरीर के दोष असंतुलित तथा दूषित होकर रोग उत्पन्न करते हैं। कब्ज में मुख्यतः वात दोष की दुष्टि होती है, जिस कारण मल सूखा एवं कठोर हो जाता है। सही समय पर मलत्याग नहीं हो पाता। कब्ज होने के कारण भोजन में रे